डॉ. दीपक अग्रवाल
ऋषिकेश (उत्तराखंड)। अब वह दिन दूर नहीं जब घाटों पर शवों का अंतिम संस्कार गोबर से बनी लकड़ी से किया जाएगा। देश में हर रोज करीब 40 हजार से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है, इसमें कुंतलों लकड़ी खर्च होती है और गंगा में प्रदूषण भी बढ़ता है। गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने की दिशा में बदायूं के मनोज शर्मा और अभय प्रताप ने गोबर की लकड़ी को तैयार कर इतिहास रचा है।उन्होंने ऋषिकेश में लकड़घाट में कारखाना लगाकर लकड़ियों का निर्माण शुरू कर दिया है। शवों के अंतिम संस्कार के लिए ये लकड़िया निशुल्क उपलब्ध कराने की योजना भी है।
पीएम नरेंद्र मोदी से हुई मनोज शर्मा की वीसी
सन शाइन न्यूज के संपादक डॉ.दीपक अग्रवाल की ऋषिकेश के एक गेस्टहाउस में गायत्री कामधेनु आयुर्वेद के निदेशक मनोज शर्मा से मुलाकात हुई। इस दौरान उन्होंने बताया कि जैविक खाद और गोबर से लकड़ी बनाने के संबंध में उनकी 5 जून 2018 को स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहस पीएम श्री नरेंद्र मोदी से बदायूं एनआईसी के माध्यम से वीसी हुई। इसमें डीएम समेत प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
दो साल प्रयोग के बाद मिली सफलता
बदायूं के चित्रांश नगर निवासी मनोज शर्मा और कस्बा म्याऊ निवासी अभय प्रताप सिंह ने दो साल तक कई प्रयोग किए उसके बाद गोबर से लकड़ी बनाने में सफलता मिली।
देश की 70 फीसदी लकड़ी अंतिम संस्कारों में लगती
मनोज शर्मा ने बताया कि देशभर की 70 फीसदी लकड़ी केवल शवों के अंतिम संस्कार में जला दी जाती है। इसके लिए 5 करोड़ पेड़ों को काटकर चार मिलीयन टन लकड़ी प्राप्त की जाती है। इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है।
देशभर में 240 कारखाने लगेंगे
मनोज शर्मा ने बताया कि कई शहरों में गोबर की लकड़ी से शवों के अंतिम संस्कार में सफलता मिली हैं। केंद्र सरकार से हुए करार के मुताबिक सरकार देश के 240 शहरों में कारखाने लगाने में सहयोग करेगी।
शवों की राख गंगा में नहीं डाली जाएगी
मनोज शर्मा ने बताया कि शवों की राख को गंगा में प्रवाहित नहीं होने दिया जाएगा। गडढा खोदकर गंगा के किनारे दबाया जाएगा। घाटों पर कंपनी के वर्दीधारी कर्मचारी निशुल्क लकड़ियों का वितरण करेंगे और राख का संरक्षण भी करेंगे।
60 किलो गोबर से 15 लकड़ी का निर्माण
गायत्री कामधेनु आयुर्वेद के निदेशक मनोज शर्मा ने बताया कि गाय के 60 किलोग्राम गोबर से 15 किलोग्राम लकड़ी तैयार होती है। इसके लिए हम गायां का संरक्षण भी करेंगी।