डॉ. दीपक अग्रवाल
इस तथ्य को नहीं झुठलाया जा सकता है कि आज किसी के पास समय नहीं है लेकिन सफलता उन्हीं का वरण करती है जो समय का प्रबंधन करना जानते हैं। ख्यातिलब्द्ध पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के खेल, व्यावसायिक शिक्षा व युवा कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चौहान अपनी सफलता के पीछे समय प्रबंधन का ही महत्व मानते हैं। राजनीति की भागमभाग की जिदंगी में भी वह अपनी फिटनेस का प्रबंधन करते हैं।
8 दिसंबर 2017 को राजकीय इंटर कालेज के मिनी स्टेडियम में बेसिक शिक्षा परिषद जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश की जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में और आरके पब्लिक स्कूल की क्रीड़ा प्रतियोगिता में उन्होंने समय प्रबंधन का महत्व समझाया।
उन्हांने बताया कि वह छात्र जीवन में रात को दस बजे सो जाते थे और सुबह छह बजे उठते थे। हर रोज आठ घंटे सोते थे। उसके बाद मैदान पर खूब मेहनत करते थे और जब वह क्रिकेट खेलते थे तो उनके परिजनां और मित्रों को बड़ा गर्व होता था। वह छात्र जीवन से ही सब कार्य समय प्रबंधन के हिसाब से करते हैं।
श्री चौहान ने बताया कि वह आज भी समय प्रबंधन का पालन करते हैं। फिटनेस के लिए हर रोज आठ घंटे सोते हैं, 30 मिनट योग करते हैं, 40 मिनट वाकिंग करते है। इसके अलावा सप्ताह में दो दिन जिम जाते हैं।
वैसे तो मैं भी क्लास में मनी और टाइम मैनेजमेंट पढ़ाता हूं यह टॉपिक मॉस कम्युनिकेशन के सिलेबस में है। श्री चेतन चौहान का समय प्रबंधन पर भाषण सुनकर मुझे बड़ी तसल्ली मिली। उसकी वजह है कि श्री चौहान किताबों में लिखी सैद्धांतिक बात नहीं कर रहे थे उन्हांने वह बोला जो वह कर रहे थे।
जब वक्ता जो करता है वह बोलता है तो उसका विशेष प्रभाव पड़ता है। साथ ही अगर वक्ता ख्यातिलब्द्ध है और सेलिब्रेटरी है तो वह प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।