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यातायात पुलिस की कमी और असमायिक मौतें

डॉ.दीपक अग्रवाल/भोलानाथ मिश्र
पुलिस विभाग की विंग ट्रैफिक पुलिस का गठन तो यातायात कंट्रोल करने के लिए किया गया है लेकिन उसमें समयानुरूप विस्तार नहीं किया गया है। यातायात पुलिस की कमी इन चौराहों पर दुर्घटनाओं में होने वाली असमायिक मौतों का कारण बन रही है।
आम नागरिकों को यातायात सुविधा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है जिसे सरकार बखूबी निभा रही है।सड़कों का जाल बिछ गया है और गाँव गली तक पहुंचने के लिए मार्ग बन गये हैं जिन पर चार पहिया वाहन आसानी से आ जा सकते हैं। यातायात के लिए सड़कों का चौड़ीकरण करके डबल और फोरलेन सिक्सलेन राजमार्ग बनाया जा रहा है।इन मार्गों के बनने के साथ ही इन पर चलने वाले वाहनों की गति दोगुनी हो गयी है तथा वाहनों की संख्या दिनदूनी रातचौगुनी गति से बढ़ती जा रही है।
इन राजमार्गों मार्गों पर वाहनों की स्पीड और तादाद बढ़ने के साथ ही दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हो गई है और सैकड़ों लोगों की मौत एवं हजारों लोग घायल अपंग हो रहे हैं। इस समय इन राजमार्गों मार्गों को पार कर पाना मौत को दावत देने जैसा हो गया है और तमाम लोग रोड पार करने में जान गवां बैठते हैं। पुलिस रातदिन इन दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल पहुंचाने में व्यस्त रहती है तथा दुर्घटना के बाद उपजे जनाक्रोश को ठंडा करने में जान लड़ाये रहती है।
पुलिस और एम्बुलेंस इस समय इन दुर्घटनाओं में व्यस्त रहती है। सबसे बड़ी दिक्कत तो इन राजमार्गों व मुख्यमार्गों से जुड़े चौराहों पर हो रही है और तेजगति से आनेवाले वाहन यातायात नियन्त्रण न होने से आपस में टकरा जाते हैं या ठोकर मारकर फुटबाल बनाकर मौत के मुंह में फेंक देते हैं। इन चौराहों से जुड़ने वाले मार्गों से आने वाले वाहन की चौराहे पर गति नियन्त्रित करने के लिये स्पीड ब्रेकर भी नही बने हैं और न ही ट्रेफिक कन्ट्रोलर के रूप में यातायात पुलिस की ही व्यवस्था है।
पुलिस विभाग की विंग ट्रैफिक पुलिस का गठन तो यातायात कंट्रोल करने के लिए किया गया है लेकिन उसमें समयानुरूप विस्तार नही किया गया है। फलस्वरूप हर चौराहे पर कौन कहें मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं हो.सकी है जिसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है।
यातायात पुलिस की कमी इन चौराहों पर दुर्घटनाओं में होने वाली असमायिक मौतों का कारण बन रही है। सरकार का दायित्व बनता है कि राजमार्गों से जुड़े चौराहों पर आने जाने वाले वाहनों को नियन्त्रित करने के ट्रैफिक पुलिस बूथों की स्थापना करके इन पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करें।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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