Home > प्रदेश > यूपी > अमरोहा > शताब्दी एक्सप्रेस में मेरी बगल वाली सीट पर बैठी महिला परेशान क्यों/फिर मैंने हैल्प की

शताब्दी एक्सप्रेस में मेरी बगल वाली सीट पर बैठी महिला परेशान क्यों/फिर मैंने हैल्प की

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)

बीते रविवार 24 सितंबर 2023 को मैं मुरादाबाद से हल्द्वानी जाने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस मंे अपनी निर्धारित सीट कोच नंबर सी-8 सीट नंबर 28 पर जाकर बैठ गया। मेरी पास वाली सीट नंबर 29 पर विंडो की तरफ एक महिला बैठी हुई थी।
ट्रेन दिल्ली से काठगोदाम जा रही थी। मेरे सीट पर बैठने के आधे घंटा बाद नाश्ता आ गया। मैं नाश्ता करने लगा और मेरे पास वाली सीट पर बैठी महिला अपने मोबाइल पर बात कर रही थी। उनकी बाते सुनकर पहले मुझे लगा कि वह कोई अधिकारी है। वह हर 15 मिनट बाद किसी ड्राइवर से लगातार उसकी लोकेशन ले रही थी। रामपुर आने के बाद उनकी परेशनी बढ़ती देख मुझे भी बैचेनी होने लगी। यह शताब्दी एक्सप्रेस थी ऐसे गाड़ी में कोई किसी अजनबी से बात करना भी पसंद नहीं करता है वरना सामान्य ट्रेन में तो इतनी देर में मैं अपने पड़ोस वाले से बोल ही लेता था और सफर आसान हो जाता था लेकिन हम जितनी ऊंचाई की ओर जाते वहां रिजर्व हो जाते हैं।
म्हिला की परेशानी बढ़ती देख मेरे भीतर छिपा पत्रकार और लेखक जाग उठा। मैंने पूछ ही लिया क्या बात है आप परेशान क्यों हैं और बार-बार ड्राइवर से क्यों बात कर रही हैं। तो वह बोली मेरा सूटकेस बहुत भारी है उसे कोच से कौन उतारेगा, मैंने ड्राइवर को बोला था कि स्टेशन पर कोच में आकर सूटकेस उतार लेना। लेकिन वह निर्धारित समय पर नहीं आ पाएगा।
फिर मैंने कहा यह कोई समस्या है मैं आपका सूटकेस उतार कर नंबर एक सीट पर रख दूंगा वह खाली है वहां से कोई वेटर उतार देगा। मैं उससे कह दूंगा। इस पर उस महिला ने राहत महसूस की और बोली मेरे पति ने कहा था कि शताब्दी जैसी ट्रेन में कोई किसी की सहायता नहीं करता है। मेरे पति गृह मंत्रालय में अधिकारी हैं। इससे पर मैंन जवाब दिया कि सहायता करने वाले सब जगह मिल जाते हैं हम जैसी सोच बनाते हैं वैसा ही होता है। हां किसी अजनबी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
फिर उस महिला से शेष रास्ते बात होती रही। उन्हें काठगोदाम से गोपेश्वर के बागीच गांव अपने मायके भाई के पास जाना था। वह दिल्ली से आई थीं और करीब 10 साल बाद अपने मायके जा रही थीं। फिर उन्होंने कुमाऊं के बारे में मुझे बहुत सी बाते बताई।
मैंने हल्द्वानी स्टेशन पर उतरने से पहले महिला का सूटकेस उतार कर सीट नंबर एक के पास रख दिया वह उस सीट पर बैठ गई। वेटर से भी कह दिया कि मैडम का सूटकेस उतार कर प्लेटफार्म पर रख देना। इससे पर उस महिला ने राहत की सांस लीं।

Print Friendly, PDF & Email
Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
https://www.sunshinenews.in
error: Content is protected !!