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महर्षि दयानंद ने संपूर्ण समाज के एकीकरण का सूत्र दिया

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/सनशाइन न्यूज (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर वाचस्पति मिश्र ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने किसी वर्ग विशेष के लिए बल्कि समग्र समाज के उत्थान के लिए कार्य किया और सभी संप्रदायों की एकता के लिए आर्यसमाज नामक संस्था मंच के रूप में प्रदान की।
जेएस कालेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी

जगदीश सरन हिंदू पीजी कॉलेज अमरोहा में 05 नवंबर को ’महर्षि दयानंद सरस्वती के दर्शन के विविध आयाम’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर मिश्र ने बताया कि संस्कृत भाषा को मूल भाषा क्यों कहा जाता है उसके संबंध में अंग्रेजी भाषा और अन्य अनेक भाषाओं के उदाहरण देते हुए बताया कि उनके महीने और व्यवहार संबंधी शब्दावली का उद्भव संस्कृत भाषा से ही हुआ है।
धर्म और विज्ञान को एक दूसरे के पूरक

इससे पूर्व मुख्य अतिथि कुलसचिव,महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली ने कहा स्वराज के सर्वप्रथम उद्घोषक के रूप में महर्षि दयानंद का निश्चय ही भारतीय इतिहास की एक महान स्वर्णिम घटना है।
विषय प्रवर्तक के रूप में प्रोफेसर राजेश्वर प्रसाद मिश्र ने 3 श्लोकों के माध्यम से ऋषि दयानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व को नमन किया। साथ ही उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने त्रैतवाद के दर्शन का समर्थन किया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर विनय विद्यालंकार, आचार्य गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने कहां ऋषि दयानंद ने धर्म और विज्ञान को एक दूसरे का पूरक बताया आपने कहा कि धर्म के बिना विज्ञान अंधा है और विज्ञान के बिना धर्म लंगड़ा है।
परिस्थितियां प्रतिभाओं को जन्म देती
प्रबंध समिति के मंत्री योगेश कुमार जैन ने इस अवसर पर कहा कि परिस्थितियां प्रतिभाओं को जन्म देती हैं। महर्षि दयानंद भी परिस्थिति के अनुसार अवतरित पुरुष थे आपने सामाजिक असमानताओं विद्रूपताओं के विरुद्ध आंदोलन और संघर्ष किए और नवा चरण और नवजागरण के प्रतिमान स्थापित किए।
प्राचार्य डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि स्वामी दयानंद के द्वारा स्थापित संस्थाएं सामाजिक कार्यों के प्रति पूर्ण निष्ठा मनोयोग और तत्परता से लगी हुई है यही उनका मूल उद्देश्य भी था। उद्घाटन सत्र में आए सभी शिष्ट विशिष्ट अतिथियों गणमान्य नागरिकों पत्रकारों और सुधि विद्वतजनों के प्रति आभार प्रकट किया।
तकनीकी सत्र का आयोजन
प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता केए पीजी कॉलेज कासगंज के प्राचार्य डॉ अशोक रस्तोगी ने की। डॉ दुष्यंत कुमार प्राचार्य उपाधि महाविद्यालय पीलीभीत अभ्यागत वैशिष्ट्य रहे। डॉ करुणा आर्य दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली, डॉ. शिवपूजन सिंह दर्शनशास्त्र और ओंकार सिंह विषय विशेषज्ञ के रूप में रहे। लगभग 1 दर्जन से अधिक शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नवनीत विश्नोई प्रतिवेदन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संगीता धामा ने किया।तत्पश्चात दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर सारिका वार्ष्णेय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो संजीव कुमार रहे। विषय विशेषज्ञ के तौर पर प्रोफेसर रंजना अग्रवाल एनकेबीएमजी कॉलेज चंदौसी और वैदिक विद्वान जीवन सिंह आर्य गुरुकुल साधु आश्रम अलीगढ़ तथा कुलदीपक शुक्ला गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर एवं डॉ. हेमबाला सहायक आचार्य ने अपने सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किए। दूसरे सत्र का संचालन डॉ. मनन कौशल और प्रतिवेदन राजीव कुमार धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रुस्तगी ने किया। दूसरे तकनीकी सत्र में भी लगभग 1 दर्जन से अधिक शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र का वाचन किया।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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