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चुनाव को नई दिशा देगा कोरोना

अशोक मधुप/सनशाइन न्यूज………….
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा पांचों राज्यों के लिए विधान सभा चुनाव का कार्यक्रम चुनाव आयोग ने घोषित कर दिया।कोराना को देखते हुए रैली और जनसंपर्क पर प्रतिबंध भी लगाए हैं। कोराना के बीच होने वाले ये चुनाव इन पांच प्रदेश का राजनैतिक भविष्य ही तय नहीं करेंगे, अपितु देश की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। सबसे बड़ा काम करेंगे देश के चुनाव के डिजीलाइजेशन का। इस चुनाव के बाद के आने वाले चुनाव नई तरह से होंगे, नए तरह से प्रचार होगा।
चुनाव के पहले चरण के लिए नामजदगी की प्रक्रिया आठ जनवरी से प्रारंभ होगी। दस मार्च को चुनाव परिणाम आ जांएगे। आयोग ने बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए 15 जनवरी तक चुनावी रैली, साइकिल, बाइक रैली,नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगा दी है। विजय जुलूस पर पहले भी रोक रहती थी। इस बार भी रोक रहेगी। पांच व्यक्ति ही घर− घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे। हालात देखते हुए 15 जनवरी के बाद फिर निर्णय होंगे। यह भी आदेशित किया गया है कि सर्विस वोटर के अलावा 80 से अधिक और बीमार मतदाताओं को घर से वोट डालने की सुविधा होगी। मतदान अधिकारी उनके घर जाकर वोट डलवाएंगे। प्रत्याशी अपनी नामजदगी आनलाइन करा सकेंगे। चुनावी रैली पर 15 जनवरी तक रोक रहेगी। चुनावी रैली की जगह वर्चुअल रैली होगी।

आयोग के निर्णय से लगता है कि इस बार चुनाव नई तरह का होगा। प्रचार होगा पर शोर नहीं होगा। चुनावी रैली होंगी, पर उनमें जनता नहीं होगी । वाहनों का शोर और प्रदूषण नहीं होगा बदला-बदला होगा चुनाव। कोरोना ने कक्षांए आँन लाइन करा दीं। परीक्षांए आन लाइन करा दीं। नामजदगी आँन लाइन होगी। ऐसे माहौल में आन लाइन चुनाव को दिशा दिखा रहा है। मोबाइल लगभग प्रत्येक व्यक्ति पर पंहुच गए। हो सकता है कि आने वाले समय में वोट भी मोबाइल से डालें जा सकें। मतदान अपने घर से किया जा सके ।लगता है बदलेगा। आगे चलकर बहुत कुछ बदलेगा।अब आन लाइन मींटिग, सभांए और गोष्ठियां शुरू हों गईं ।आगे चलकर रैली की जगह वर्चुअल रैली लें लेंगी। आगे चलकर वर्चुअल रैली होने लगेंगी।

चुनाव आयोग के निर्देश से चुनाव के प्रचार और रैली में निकलने वाली भीड़ पर लगाम लगेगी। लोग और राजनैतिक व्यक्ति घर से बैठकर संपर्क करेंगे। रैली की भीड़ जुटाने के लिए वाहन नहीं चलेंगे। नेताओं के वाहन कम दौडेंगे। प्रशासन को रैली के लिए व्यवस्थाएं नहीं करनी होंगी।फोर्स नहीं लगानी होंगी। इससे डीजल पेट्रोल बचेगा तो प्रदूषण भी कम होगा। यह वास्तव में कोरोना के बढ़ने की दिशा में अच्छा प्रयास है। प्रदूषण रोकने में अच्छा कार्य होगा।शोर प्रदूषण से जनता का इस चुनाव में काफी रहत मिलने की उम्मीद है।

चुनाव में रैली आदि के नाम पर श्रमिक काफी मजदूरी कर लेते थे। प्रचार− प्रसार के लिए उन्हें अच्छी आए हो जाती थी। इससे इनके सामने संकट पैदा होगा। कोरोना काल में बहुतों के रोजगार गए। रोटी−रोजी की समस्या बढ़ी। अब उनका जीवन और कष्टप्रद होगा।हाथ से लिखे हार्डिंग , बैनर की जगह फलेक्सी ने ले ली।ऐसे ही अब प्रचार के नए रास्ते निकलेंगे।

समय खुद परिवर्तन ला देता है।यह समय का चक्र चलता रहेगा। लगता है कि ऐसा ही आगे होगा।आगे चलकर बहुत कुछ बदलेंगा।

चुनाव आयोग के निर्णय अच्छें हैं किंतु जरूरी है कि इनको सख्ती से पालन भी कराया जाए।लापरवाही पर कठोर कार्रवाई हो।

(लेखक अशोक मधुप वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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