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शिक्षक संघों की बदलौत ही मृतक आश्रितों को नौकरी व मुआवजा

डाॅ. दीपक अग्रवाल
लखनऊ/अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
अगर यह कहा जाए कि पंचायत चुनाव के बाद कोरोना की चपेट में आकर काल का ग्रास बने शिक्षकों व कर्मचारियों को शिक्षक संगठनों की बदलौत ही सरकार नियम बदल कर नौकरी व मुआवजा देने के लिए तैयार हुई तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
इस तथ्य को नहीं झुठलाया जा सकता है कि पंचायत चुनाव के कारण उत्तर प्रदेश में कोरोना तेजी से फैला है। पंचायत चुनाव में 80 फीसदी से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों ने मतदान कर्मी के रूप में काम किया है और मतगणना में भी योगदान दिया है। कई शिक्षकों ने तो बुखार और अन्य बीमारियों से जूझते हुए मतदान कराया। चुनाव के बाद सूबे में शिक्षकों और कर्मचारियों के कोरोना पाजिटिव होने का सिलसिला शुरू हो गया। देखते ही देखते वे काल का ग्रास बनना शुरू हो गए। धीरे-धीरे यह संख्या 1621 के आंकड़े को भी पार कर गई। कुछ शिक्षकों ने अपने स्तर से सहयोग कर अपने मृतक शिक्षक साथियों के परिजनों को आर्थिक सहयोग भी किया।
इसके अलावा शिक्षक संगठन मृतक शिक्षक के आश्रितों को लगातार मुआवजा और नौकरी दिलाने की पैरवी करते रहे। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि मात्र तीन शिक्षकों की ही चुनाव के दौरान मौत हुई है और उनके परिजनों को ही मुआवजा व नौकरी दी जाएगी तो शिक्षक संगठनों में भूचाल आ गया।
चुनाव आयोग के इस निर्णय की प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर तीखी निंदा की गई। साथ ही शिक्षक संगठनों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने और कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी। चैतरफा निंदा का देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 मई को लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि जिन शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों की चुनाव डयूटी के दौरान मृत्यु हुई या जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हुई। उन सभी के आश्रितों को मदद मिलनी चाहिए। चुनाव आयोग की गाइडलाइन पुरानी हैं और अब कोरोना को देखते हुए इस पर नए सिरे से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। इससे मृतक आश्रितों ने राहत महसूस की है। मुख्यमंत्री का यह विचार स्वागतयोग्य हैं बस जरूरत इसको अमलीजामा पहनाने की है।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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