Home > देश > टीचर्स को बंधुआ मजदूर बनाने का षडयंत्रः महताब

टीचर्स को बंधुआ मजदूर बनाने का षडयंत्रः महताब

डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बरेली मुरादाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी,वरिष्ठ पत्रकार व नायब अब्बासी डिग्री कालिज के प्रवक्ता आप समर्थित प्रत्याशी डा. महताब अमरोहवी में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार अब बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सभी स्तर के शैक्षणिक संस्थानों के नियमों में बदलाव कर उनसे छेड़छाड़ कर उन्हें खत्म करने का प्रयास कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीचर्स को बंधुआ मजदूर बनाने का षडयंत्र रचा जा रहा है।
प्रेस को जारी वक्तव्य में उन्हों ने कहा कि अब राज्य सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई हैं अब वह ठेके पर शिक्षा दिलाने तथा शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाने की फिराक में है। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की हैं कि सरकर ने 01 जुलाई 2020 के बाद आये हुए सभी विभागों की सेवाओं के लिए आवेदन निरस्त कर दिए है अर्थात भविष्य में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश भर के बेरोजगारों को सरकारी सेवा की आशा छोड़ देनी चाहिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 मार्च 2018 को यूपी इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट में बदलाव का आदेश जारी किया था जिसके अंतर्गत बहुसंख्यक व अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में नियुक्ति के अधिकार प्रबंध तंत्र से छीन कर अपने पास एक षड्यंत्र के तहत रखना चाहती है ये संविधान की धारा 30(ए ) के द्वारा अल्पसंख्यकों को प्रदत्त अधिकारों का हनन है ,जबकि यह अल्पसंख्यकों का संवैधानिकअधिकार हैं इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप,परिवर्तन भारत के संविधान के विरुद्ध हैं , जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार एक ओर तो कह रही हैं सबका साथ सबका विकास दूसरी और अल्पसंखयको मुस्लिम जैन, बौद्ध, सिख ,पारसी ,ईसाई के शैक्षणिक संस्थानों पर नए नए नियम थोप कर ताला डलवाना चाहती हैं यह सरकार की दोहरी नीति है इसके लिए हर स्तर पर संवैधानिक लड़ाई लड़ने के लिए हम सब को तैयार रहना हैं उन्होंने कहा कि ये हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित संस्थान हैं जिन को उन्होंने अपने खून से सींचा है उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पूर्ण रूप से समर्थन किया जिसमें प्रदेश व देश के वित्तपोषित अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित कानून में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है,परन्तु सरकार ने अभी तक कोई भी जवाब नहीं दिया हैं , सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को उन्होंने न्याय संगत ठहराया है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के द्वारा दिए गए संविधान की धारा 30(ए ) में स्पष्ट प्रावधान है कि अल्पसंख्यक अपने शैक्षणिक संस्थान स्वतंत्र रूप से खोल सकता है और उसमें नियुक्ति का अधिकार भी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था के प्रबंध तंत्र को दिया गया है लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार संविधान की आत्मा को कुचलने पर लगी है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने अल्पसंख्यक संस्थानों के प्रबंध तंत्र और शिक्षकों से कहा कि सब एकजुट होकर इस लड़ाई का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए इसके लिए सरकार से संवैधानिक लड़ाई लड़ी जाएगी आज प्रदेश में शिक्षकों के लिए नए नए कानून बनाकर उन्हें सरकारी नौकरियों से निकालने का षड्यंत्र यह सरकार कर रही है उन्होंने सभी शिक्षक कर्मचारियों से आह्वान किया कि वह अपने अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहे।
उन्होंने सरकार द्वारा सभी सरकारी विभागों में 50 -55 की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों को जबरन सेवा मुक्त करने के आदेश को देश के सभी कर्मचारियों के साथ अत्याचार बताते होये सरकार से मांग की हैं कि इस आदेश को निरस्त किया जाए और पूर्व की भाँती सेवा निवृति का आदेश बहाल किया जाए।

Print Friendly, PDF & Email
Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
https://www.sunshinenews.in
error: Content is protected !!