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जश्ने आजादीः टीचर्स की देशभक्ति रचनाओं संग शहीदों को नमन

डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
आजादी का जश्न देश भर में कोरोना महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर बेसिक शिक्षा परिषद के टीचर्स और एक छात्रा की देशभक्ति पर आधारित रचनाएं पेश हैंः

 

 

 

 

सीमा रानी
प्रधानाध्यापिका
ईएमपीएस पचोकरा
जोया।

हर बच्चा जश्न मनाएगा,
जब घर घर में खुशहाली हो
हर बेटी बहन रहे सुरक्षित,
और सब खेतों में हरियाली हा
राक्षसी सोच को मिले सजा ,
और मानवता बलशाली हो

अन्नदाता का सम्मान बढे,
हर बेटी बेटे समान पढे
भेद न हो कोई ऊँच नीच का,
चहुँ दिशि मनुज कल्याण रहे
पाखंड द्वेष को जगह न हो,
केवल सम्मान प्रेम फले फूले

भूख प्यास से मरे न कोई,
हर मानव ससम्मान रहे
बेरोजगारी का नाम न हो,
हर व्यक्ति को रोजगार मिले
बेटा बेटी अब चले बराबर,
बिटिया को भी गुणगान मिले

बैरी की कुदृष्टि का अब न,
कोई वीर जवान शिकार बने
भारत हो सक्षम समर्थ इतना,
हर शत्रु को महाकाल लगे
नजर उठाने से पहले अब,
हर दुश्मन सौ सौ बार डरे
हर बच्चा जश्न मनाएगा,
और भारत मेरा महान बने
…………………………………….


विवेक कुमार त्यागी
प्रावि, रखेड़ा
गजरौला।

फूलों को चुनकर भी नफरत से उठाते हो।
कांटो की चुभन का क्यों अंदाज लगाते हो।।
हिंदू है हम मुस्लिम है हम
हिंदुस्तान हमारा है।।

जाति धर्म में फिर हम को तुम क्यों बांटते जाते हो।।
याद करो बलिदान सभी के दुनिया आनी जानी है।
जो तुम इनको भूल गए तो कैसे हिंदुस्तानी हो।।
फूलों को चुनकर भी क्यों नफरत से उठाते हो।
कांटों की चुभन का क्यों फिर अंदाज लगाते हो।।
………………………………….

पंकज त्यागी
प्रावि गजरौला प्रथम।

जिसके दिल से भारत मां की मोहब्बत चली गई।
समझो के हाथ से उसके जन्नत चली गई।।
शहीदों की चिताओं पर लगे हैं हर वर्ष मेले।
इन्हीं मेलो के खातिर भारत मां के।
सपूतों की जवानी चली गई।।
……………………………….

 


श्वेता सक्सेना,शिक्षिका,
पूर्वमावि तिगरिया खादर,
गजरौला।

जशन आजादी का
चारों ओर
कोरोना महामारी का
लेकिन जोर
चलो मिलकर संकल्प
लें इस बार
घर में रह मनाएं
राष्ट्रीय त्यौहार
शुभ अवसर पर पेड़ पौधे लगाएं
पर्यावरण की रक्षा इस बार
स्वस्थ जीवन शैली अपनाये
रोग पर हो वार
मिलकर नियमित योग करें
सकारात्मकता का मिले उपहार
चलो मिलकर संकल्प
लें इस बार
घर में रह मनाएं
राष्ट्रीय त्यौहार

………………………

रेखा रानी
ब्लॉक मंत्री, प्राशिसं,
गजरौला।

 

ओढ़ कर जब मुझे

देश भक्त कोई आए।
सच कहूं दोस्तों
मन यह फूला न समाए।
कहने को तो घड़ी ,
यह दुःखद है बड़ी।
प्राण जिसके गए हैं,
वतन पर चले।
गर्व से मौत को
वह लगाता गले।
देश रक्षा में गोली ,
वह सीने पर खाए।
ओढ़ कर जब मुझे
देश भक्त कोई आए।
उस घड़ी की अजब,
दास्तां क्या कहूं।
मुझमें जाता सिमट,
उसका तन और लहू।
मां की ममता मैं बन,
दिल से आंसू ही बहाए।
ओढ़ कर जब मुझे,
देशभक्त कोई आए।
मातृ भूमि नमन ,
अश्रुपूरित नयन।
मेरा जो हो जनम,
रेखा हो यह स्वप्न,
मां की सेवा में तन ,
फिर से बलि -बलि जाए।
ओढ़ कर जब मुझे,
देश भक्त कोई आए।
सच कहूं दोस्तों ,
मन यह फूला न समाए।
…………………..

 

सुनील कुमार चैहान
पूर्वमावि पीपली घोसी,अमरोहा।

देशों में है देश मेरा,
देता ये संदेश ।
प्रेम भाव से रहते हम सब,
कभी न करते द्वेष।
चाहे बदले भाषा- बानी ,
चाहे बदले भेष।
फिर भी हम सब भारतवासी,
देता ये संदेश।
देशों में है देश मेरा,
देता ये संदेश….
इसकी नदियाँ करती कल-कल,
इसकी भूमि सबसे उर्वर,
बदले नित नया वेश।
देशों में है देश मेरा,
देता ये संदेश ..
प्रेम भाव से रहते हम सब,
कभी ना करते द्वेष।।

……………………………


राधा अग्रवाल
ईएमपीएस रहरा।

तिरंगा झूम झूम लहराए
भारत माँ की आजादी के गीत सुहाने गाए।
जीतनी बुलंदी पर हो झंडा उतना ऊंचा नाम हो अपना।
नाम नाम से पहले तिरंगा इतनी बुलंदी पाए
इस झंडे में तीन रंग हैं ये हमको बतलाएं।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
सभी मिलकर आजादी का जश्न मनाएं।
तिरंगा झूम झूम लहराएं।


वंदना, कक्षा 5
ईएमपीएस रहरा।

भारत देश प्यारा हमारा।
हम उसके ही नन्हें बच्चे।
कितने अच्छे कितने सच्चे।
सबसे प्रेम हमारा।
भारत प्यारा देश हमारा।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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