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पीड़ा के अमर गायक थे रामावतार त्यागी/व्यक्तित्व पर परिचर्चा

 

डाॅ. दीपक अग्रवाल
मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
मुरादाबाद में प्रगति मंगला साहित्यिक संस्था एटा के तत्वावधान में कुरकावली जनपद संभल के यशस्वी गीतकार रामावतार त्यागी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर ऑन लाइन परिचर्चा हुई।
ऑनलाइन साहित्यिक समारोह
इस ऑनलाइन साहित्यिक समारोह की अध्यक्षता आचार्य डा. प्रेमीराम मिश्र पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष जेएलएन कालेज एटा ने की। मुख्य अतिथि मुरादाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डा. मनोज रस्तोगी रहे। संयोजक उमाशंकर राही ने संचालन किया। संस्थापक बलराम सरस ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला ।
आचार्य डा. प्रेमी राम मिश्र ने कहा कि रामावतार त्यागी उस पीढ़ी के श्रेष्ठ कवि हैं जिसे हम रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन, गोपाल सिंह नेपाली, नरेंद्र शर्मा, डॉ शिवमंगल सिंह सुमन ,देवराज दिनेश, वीरेंद्र मिश्र आदि के रूप में स्मरण करते हैं।
पत्रकारिता को भी दिशा दी
इससे पूर्व मुख्य प्रस्तोता के रूप में डाॅ. मनोज रस्तोगी ने रामावतार त्यागी के व्यक्तित्व और कृतित्व से अवगत कराया तथा उनके बहुचर्चित गीत प्रस्तुत किये। उन्होंने बताया कि रामावतार त्यागी का जन्म 8जुलाई 1925 को कुकरावली जनपद संभल में के जमींदार घराने में हुआ था। आपने शिक्षण कार्य भी किया बाद में कई सम्मानित पत्रों के सम्पादक भी रहे। 1950 में नया खून काव्यसंग्रह, 1958में आठवां स्वर,1959 मैं दिल्ली हूं, 1965 गुलाब और बबूल( 1973), गाता हुआ दर्द( 1982), लहू के चंद कतरे( 1984), गीत बोलते हैं(1986) काव्य संग्रह प्रकाशित हुए।
हास्य व्यंग्य कवि त्यागी अशोका कृष्णम् कुरकावली संभल ने उनके संस्मरण सुनाते हुए बताया कि रामावतार त्यागी का जीवन एक खुली किताब था। उन्होंने जो भोगा वही लिखा।
रामावतार त्यागी का मूल्यांकन शेषः माहेश्वर तिवारी
प्रख्यात नवगीतकार यश भारती माहेश्वर तिवारी मुरादाबाद ने कहा कि रामावतार त्यागी हिंदी खड़ीबोली के ऐसे रचनाकार हैं जो काव्यत्व के धरातल पर अपने समकालीन बहुत से लोक विश्रुत कवियों से बहूत आगे थे। जमींदराना ठसक और विद्रोह का स्वर उनके निजी व्यक्तित्व के साथ साथ उनकी कविता में भी देखी जा सकती है । इसे हिंदी गीत का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता हैकि उनकी अपेक्षा मौलिकता और कम काव्यात्मक पूँजी वाले कई लोग महफिल लूटते रहे और त्यागी जी जिस मूल्यांकन के हकदार थे वह उन्हें अभी तक नहीं मिला है ।
सभी रचनाएं कालजयी
प्रख्यात हास्य व्यंग्य कवि डॉ मक्खन मुरादाबादी ने कहा कि रामावतार त्यागी पीड़ा के अमर गायक थे । वह उस उदधि के जैसे हैं जिसकी लहर-लहर में पीड़ा ही पीड़ा व्याप्त है। मुरादाबाद की साहित्यकार हेमा तिवारी भट्ट ने विचार रखते हुए कहा- श्री त्यागी जी ने अपने गीतों में जिस तरह से दर्द को जिया है और वह जिस तरह से दर्द को पालते और पुचकारते हैं, साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं है। मुरादाबाद के ही साहित्यकार डॉ अजय अनुपम ने कहा-
रामावतार त्यागी कवि नहीं भारतीय सांस्कृतिक विरासत की चेतना के सोये हुए भावों में पुनर्जागरण का शंख फूंकने वाले मनीषी हैं।
संयोजक उमाशंकर राही वृन्दावन ने बताया कि रामावतार त्यागी ने फिल्मों के लिए भी कई गीत लिखे जिनमें फिल्म जिन्दगी और तूफान 1975 के गीत- एक हसरत थी कि आंचल का मुझे प्यार मिले काफी लोकप्रिय हुआ। कवि बलराम सरस एटा ने कहा कि रामावतार त्यागी की सभी रचनाएं कालजयी हैं।

इन्होंने भी विचार व्यक्त किए
संस्था की प्रशासक व साहित्यकार श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ ने विचार व्यक्त करने के बाद त्यागी जी के गीत तन समर्पित को अपना स्वर प्रदान किया। वरिष्ठ कवि जयराम जय कानपुर ने भी रामावतार त्यागी के गीत संसार पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी में डा. परवीन महमूद म.प्र., सोनम यादव गाजियाबाद, डा. गुंजन शुक्ला गुड़गांव ने भी विचार रखे।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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