Home > देश > कोरोना जागरूकताः अरविंद, रेखा, श्वेता, प्रीति और अनिल की रचनाओं संग

कोरोना जागरूकताः अरविंद, रेखा, श्वेता, प्रीति और अनिल की रचनाओं संग

डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सनशाइन न्यूज)
कोरोना वायरस आज वैश्विक महामारी बन गया है। तमाम वैज्ञानिक और चिकित्सक इसके खात्मे के प्रयास मंे जुटे हैं। विभिन्न देशों की सरकारें अपने अपने नागरिकांे को संरक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। भारत सरकार भी पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आमजन की हिफाजत के लिए कार्य कर रही हैं। सन शाइन न्यूज ने टीचरों की रचनाओं के माध्यम से आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया है। बड़ी संख्या में रचनाएं प्राप्त हुई प्रस्तुत हैं चयनित रचनाएंः

अरविंद गिरि
धनौरा।

19 दिन फिर बढ़ा लॉकडाउन , बिल्कुल ना घबराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
उनकी सोचो जो देश की खातिर, सीमा पर हैं खड़े हुए
डाक्टर, नर्स, पुलिस वाले भी, कोरोना से हैं भिडे़ हुए
वादे 7 जो किये हैं ’मोदी’ से, उनको ना बिसराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
21 दिन व्रत किया है पूरा, 19 का खुश हो कर लेंगे
संयम और धैर्य से रहकर, नयी मिशाल पेश कर देंगे
बच न पाये इस बार कोरोना, मिलकर सबने हराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
इस बार बढेगी सख्ती ज्यादा तो, वो भी हमें स्वीकार है
समाज, देश हित कड़े फैसले, दिल से अंगीकार हैं
जनता दिल से साथ ’प्रधान’ के, ये एहसास कराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
इस बारी गड़ा देंगे हम घरों में, ’अंगद’ जैसा पैर
राक्षस कोरोना पांव हिला न सकेगा, अब होगी ना इसकी खैर
’हनुमान’ बनकर हम सबको, कोरोना की ’लंका’ जलाना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
गर इतना सा काम अगर हम, अपने मन से कर जायेंगे
दुनिया सारी देखेगी, हम विश्व गुरू बन जायेंगे
सरकार लगी है तन-मन-धन से, हर नागरिक की जान बचाना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .

—————————–

 

रेखा रानी
गजरौला।

(हमारे देव दूतों पर पथराव
करने वालों पर प्रहार एवं कानून वयवस्था में सख्ती के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी से मार्मिक अपील करते हुए मेरी आज की कविता)

मोदी जी !
अब लॉक डाउन का
नियम बदलना होगा।
देश धर्म की रक्षा हेतु ,
मार्ग बदलना होगा।
भूत जो लातों के ठहरे,
वो बातों से न सुधरेंगे।
जिन राहों में बरसें,
रक्षक कैसे गुजरेंगे।
जो अपनी जाहिलता को,
अपना ईमान बताते हैं।
नर संहार कर पगले
अपनी निज प्यास बुझाते हैं।
देवदूतों को देखो ,
कैसे लहुलुहान कर जाते हैं।
मोदी जी इन गद्दारों का,
तत्काल हनन करना होगा।
देश धर्म की रक्षा हेतु मार्ग बदलना होगा।
जिनकी रग -रग में है देखो
जहर घुला मक्कारी का,
बलिदानी कहते हैं खुद को
नया नाम गद्दारी का।
देश द्रोह की हद होली,
अब आगे सहन नहीं होता।
शमशान बना वीरान वतन।
यह मंजर सहन नहीं होता।
दूध पिला कर देख लिया,
इन आस्तीन के सांपों को।
जब निज जीवन भी लगा दांव पर,
इन्हें पालना ठीक नहीं,
अपने हाथांे अपनी मौत का,
पैगाम यूं अब सहन नहीं होता।
मेरी राय में कर्फ्यू लगा दो
सख्त ओ प्यारे मोदी जी।
स्वास्थ्य टीम के साथ – साथ
सेना लगवा दो मोदी जी।
कोरोना संक्रमित व्यक्ति की
पहचान छुपाए जो।
असहयोग जो करे भूले से ,
धूल झोंकनी चाहे जो।
रेखा उसको सख्त सजा दे,
आगे बढ़ना होगा।
मोदीजी!
अब लॉक डाउन का
नियम बदलना होगा।
देश धर्म की रक्षा हेतु मार्ग बदलना होगा।

——————————-

 

श्वेता सक्सेना

वाह रे लाकडाउन
सड़क पर दुर्घटनाओं का था अम्बार
व्यथित होता मन पढ़ अखबार
अब दुर्घटनाओं पर है लाकडाउन
वाह रे लाकडाउन
लम्बी कतार थी अस्पतालों की तस्वीर
लैब में टैस्ट करा-करा कोस रहे थे तकदीर
अब कोरोना छोड़ सब बीमारियों पर है लाकडाउन
वाह रे लाकडाउन
ब्रांडेड परिधान व सैंडिलों की भरमार
फिर महंगाई पर होता जमकर प्रहार
अब फिजूल खर्चों पर है लाकडाउन
वाह रे लाकडाउन
मौल घूमना मूवी देखने की रहती दरकार
होटल रेस्टोरेंट में भी जाना लगातार
अब मूवी होटलों पर है लाकडाउन
वाह रे लाकडाउन
दूषित पानी व जहरीली हवा का भण्डार
उस पर मोटर गाड़ियों का शोर करता अत्याचार
अब प्रदूषण पर है लाकडाउन
वाह रे लाकडाउन
वाह रे लाकडाउन
—————————-

प्रीति चैधरी

दिनचर्या में बदलाव लाए
……………… ……………….
आओ दिनचर्या में बदलाव लाए
और बोरियत को दूर भगाये
हर दिन लगे नया नया
क्यूँ न उसमें विविधता लाए
प्रातः उठे और करे योग
तन मन में स्फूर्ति लाएं
बैठो न हर वक्त लेकर फोन
कुछ समय इसे दूर भगाएं
मिले जो पल अनमोल है
आओ उन्हें बच्चों संग बिताए
भरेगी ऊर्जा तब ही मन में
नित दिन कुछ पल ध्यान लगाए
अपने संयम और संकल्प से
आओ इस महामारी को दूर भगाए
रख लबों पर हर वक्त मुसकान
बुरे वक्त को अच्छा बनाए
जिनको रख सके सहेज के
सुनहरी कुछ यादें बनाए
———————

डॉ अनिल शर्मा अनिल
धामपुर।

कोरोना से युद्ध में अपनी,
महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।।
मोदी जी ने विनय पूर्वक,
हाथ जोड़कर किया निवेदन।
घर में रहना देशवासियों!
बनी स्थिति अब संवेदन।।
जीवन रक्षा हित अपने-
अपने घर में समय बिताना।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।।
सात सूत्र अपनाते रहना,
होगी नहीं कोई परेशानी ।
ध्यान बुजुर्गों का विशेष हो,
हो न चूक कोई अनजानी।।
सोशल डिस्टेंसिंग को रखकर,
मुंह पर सब ही मास्क लगाना।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।।
पीना स्वास्थ्य रक्षक काढ़ा,
नित्य गर्म पानी तुम पीना।
आयुष की गाइड लाइन जो,
उसी तरह से जीवन जीना।।
कोरोना संक्रमण न फैले,
करना मदद सभी को बताना।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।।
डाउनलोड सभी कर लेना,
ऐप आरोग्य सेतु नाम का।
करता रहेगा सजग तुम्हें यह,
सचमुच है यह बड़े काम का।।
यह अलर्ट कर देगा तुमको,
उधर है खतरा उधर न जाना।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।।
ध्यान रहे न केवल अपना,
ध्यान रहे हर एक गरीब का।
इस संकट में रहे न भूखा
कोई भी व्यक्ति करीब का।।
भोजन सबको देते रहना,
नौकरी से तुम नहीं हटाना।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।
डॉक्टर-नर्सेज- पुलिस प्रशासन,
और आवश्यक सब सेवाएं ।
इनमें लगे हुए हर कर्मी ,
को अच्छा एहसास कराएं ।।
इनके कारण ही हम सुरक्षित,
इनके प्रति सम्मान जताना ।
तीन मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना,बाहर न जाना।।
बस इतना सा ही कर लोगे,
निश्चित होगी जीत हमारी।
नष्ट होएगा यह कोरोना,
खत्म होएगी यह महामारी।।
बढ़ते रहेंगे प्रगति पथ पर,
देखेगा यह सारा जमाना।
कोरोना से युद्ध में अपनी,
महत्वपूर्ण भूमिका निभाना।
3 मई तक लाक डाउन में,
घर में रहना बाहर न जाना।।

Print Friendly, PDF & Email
Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
https://www.sunshinenews.in
error: Content is protected !!