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कोरोना जागरूकताः हेमा, प्रीति, अनिल और अंदाज की रचनाओं संग

डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सनशाइन न्यूज)
कोरोना वायरस आज वैश्विक महामारी बन गया है। तमाम वैज्ञानिक और चिकित्सक इसके खात्मे के प्रयास मंे जुटे हैं। विभिन्न देशों की सरकारें अपने अपने नागरिकांे को संरक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। भारत सरकार भी पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आमजन की हिफाजत के लिए कार्य कर रही हैं। सन शाइन न्यूज ने टीचरों व अन्य की रचनाओं के माध्यम से आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया है। बड़ी संख्या में रचनाएं प्राप्त हुई प्रस्तुत हैं चयनित रचनाएंः

 

हेमा तिवारी भट्ट

सर्वप्रथम संकटकालीन इस समय के लिए ’हास्य कुण्डलिया’ और फिर कुछ ’दोहे’ प्रस्तुत हैं।
कोरोना कुण्डलिया(हास्य)
कोरोना ने देख लो,क्या कर दीन्हा हाल।
हुस्न छिपा है मास्क में,बन्दा छोंके दाल।।
’बन्दा छोंके दाल,सीन बदला है भाई।’
’नार करे अपलोड,मियां की साफ सफाई’
’घर में गूँजे गान, सनम जी बाबू शोना’
’रार हुई घर बंद,कि जब आया कोरोना।।’
कुछ दोह
’संकट की आये घड़ी,हो ना वक्त मुफीद’
’माँ बेटी के रूप में,नारी तब उम्मीद।।१।।’
’कब करना है क्या सही,समय तराजू तोल।’
’होशियार होता नहीं,जोखिम ले जो मोल।।२।।’
’जब आहट हो मौत की,रही द्वार खटकाय।’
’भेदभाव हर भूल के,बढ़ें सभी समुदाय।।३।।’
’समय कसौटी कस रहा,विपदा रूप धराय।’
’नर,दानव या देवता,मन का मुकुर दिखाय।।४।।’
’समय कभी टिकता नहीं,हर पल बने अतीत।’
’अधरों पर रखना सखे,बस हिम्मत के गीत।।५।।’

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प्रीति चोधरी
शिक्षिका, अमरोहा।

 

कोरोना को भगाना है….
कोरोना नाम के इस वायरस को
भारत से बाहर भगाना है
पूरा विश्व हार माना जिससे
हमें उसे हराना है।
थर्ड स्टेज इसकी न आने देंगे
हमने मन में ये ठाना है
नामुमकिन को करना है मुमकिन
सबको बीड़ा ये उठाना है
संक्रमण को नही बढ़ने देंगे इसके
घर में रहकर हमें दिखाना है
जो वार पर वार कर रहा
उसके अस्तित्व को हमें मिटाना है
देश का सिर न झुकने देंगे
जिम्मेदारी को अपनी निभाना है
होगा विश्व यें देख अचम्भित
कोरोना को जड़ से मिटाना है
फिर से वही हवा बहेगी
भारत को भयमुक्त बनाना है
निजस्वार्थ का परित्याग कर
देश हित में कदम बढ़ाना है।
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डॉ.अनिल शर्मा अनिल
धामपुर।

सेनानी हम भी कहलाएं,
कोरोना से युद्ध में
लगे हैं कर्मवीर जो।
उनको सैल्यूट है,
न हो रहे अधीर जो।।
हमको घर बैठे ही,
वो सेवाएं अपनी दे रहे।
हम रहे सुरक्षा में,
वो खतरा स्वयं ले रहे।।
दूध,सब्जी,अन्न,फल,
अखबार वालों को प्रणाम।
दे रहे सेवाएं नित्य,
प्रत्येक दिन जो अविराम।।
पुलिस और चिकित्सकों संग,
स्वच्छता कर्मी महान।
करके पुष्प वर्षा सब,
इनका कर रहे सम्मान।।
कोरोना से युद्ध में,
हर प्राणी, वो सेनानी है।
जिसने शासन की,
सुरक्षा नीति मानी है।।
उपाय सब सुरक्षा के,
हम भी सब अपनाएं।
कोरोना से युद्ध के,
सेनानी हम भी कहलाएं।।

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अंदाज अमरोहवी

(नज्म )
लॉकडाउन
कहां तलक यह बतायें कि लॉकडाउन है ।
ये लोग बाज तो आये कि लॉकडाउन है ।।
जरा सी देर को चाहे बुरा लगे फिर भी ।
न हाथ अपना मिलाये कि लॉकडाउन है ।।
रहें सुकून से घर में ही यह जरूरी है।
न घर को छोड़ के जायें कि लॉकडाउन है।।
सभी को आप अगर चाहते हैं जिंदा रहें ।
सभी को बस यह बतायें कि लॉकडाउन है।।
अगर जो खांसी उठे भी तो मुंह पे हो रुमाल ।
कहीं न छींटे उड़ाये की लॉकडाउन है।।
हो सांस लेना कठिन सर में दर्द हो या बुखार।
तो डॉक्टर को दिखायें कि लॉकडाउन है ।।
हैं इंतजाम सभी तुम को ठीक रखने के।
पुलिस का साथ निभायें कि लॉकडाउन है।।
मिले किसी से तो दूरी हो एक मीटर की ।
यह फासला न घटाएं कि लॉकडाउन है.।।
यह मर्ज कैसा है सबको पता हो अये अंदाज ।
वजय सभी को बतायें कि लॉकडाउन है ।।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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