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उपन्यास लेखन में नारी शक्ति का विशेष स्थान

डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। ( सन शाइन न्यूज)
जेएस हिन्दू (पीजी) कालिज, अमरोहा में 23 नवंबर को हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित ‘साहित्यकार से साक्षात्कार’ कार्यक्रम में महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य व अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. पवन कुमार जैन ने उपन्यास के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए अंग्रेजी उपन्यास के सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। उनका मानना है कि उपन्यास लेखन में नारी शक्ति का विशेष स्थान है। उपन्यास लेखन में नमिता गोखले, शोभा डे आदि विशेष स्थान रखती हैं।

अंग्रेजी व हिन्दी अनुवादकों की कमी
उन्होंने कहा कि हजारों साहित्यकार के विषय में ज्ञान हासिल करंे व उसके युग का भी अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि आज के युग में अंग्रेजी व हिन्दी अनुवादकों की कमी है। अतः हिन्दी, अंग्रेजी विषयों का ज्ञान होना चाहिये। डाॅ. जैन ने कहा कि हेनरी फिल्ंिडग का टाॅम जान्स 1200 पेज का उपन्यास लिखा और फिल्डिंग ने जोसफ एन्ड्रीज उपन्यास में उपन्यास क्या है, इस विषय पर प्रकाश डाला। 19वीं शताब्दी में जाॅन आयस्टीन ने पारिवादिक व सामाजिक जीवन पर उपन्यास लिखे और मध्यम वर्गीय समाज के बारे में बताया। डिकन्स ने अनाथ बच्चों के विषय में बताया। थेकरे ने समाज में उच्च वर्ग व निम्न वर्ग के बारे में बताया।

डाॅ. पीके जैन ने छह उपन्यास लिखे
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. वीबी बरतरिया ने कहा कि जैन, एक अच्छे प्रशासक व शिक्षक व विद्वान हैं, जिन्होंने हिन्दी में छः उपन्यास शिव मन्दिर, कैबरे माॅडल, सागर के मोती, डाॅ. पंकज, राह के पत्थर, चाहत की उलझन, नाटक, धर्म-अधर्म के साथ अनेक कविताएं भी लिखी हैं।

उपन्यास विधा के बहुआयामों पर प्रकाश डाला
राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अशोक रूस्तगी ने कहा कि डाॅ. पीके जैन एक महान उत्प्रेरक हैं जिन्होंने महाविद्यालय में प्राचार्य पद पर रहते हुए अनेक नये कार्य प्रारम्भ किए जिनमें सेमिनार की परम्परा, छात्रों के मध्य में विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन आदि उल्लेखनीय हैं। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डाॅ0 बीना रुस्तगी ने अपने सम्बोधन में उपन्यास विधा के बहुआयामों पर प्रकाश डाला व छात्र-छात्राओं के काव्य की सृजनात्मकता व कला की महत्ता समझायी।
हिन्दी के असि. प्रोफे. डाॅ. बबलू सिंह ने कहा कि डाॅ. जैन हंसमुख व जिन्दादिल इंसान हैं जो अपने शिष्यों के मध्य अत्याधिक लोकप्रिय रहे हंै, जिन पर अमरोहा को नाज़ है। कार्यक्रम में हिन्दी विभाग की असि. प्रोफे. डाॅ. संयुक्ता चैहान ने कहा कि कविता अन्तरमन की उपज होती है।
काव्य गोष्ठी का भी आयोजन
इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें रश्मि, निशा, सुरभि, माधवी, कोमल लाठे, जूही, दीपशिखा, निशा, शुऐब, शिवम शर्मा, संजना गुप्ता, अंजलि, हर्षिता, अलिशा, माधवी, फारेहिना, मीनू, नेहा चैधरी, वर्तिका, इकरा, अमन, हिमानी आदि ने अपनी कविता प्रस्तुत कीं। कवि गोष्ठी में कु. रश्मि ने प्रथम, शिवम शर्मा व माधवी शर्मा ने द्वितीय तथा वर्तिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार दिये गये। कार्यक्रम में डाॅ. ज्योति विश्नोई, वन्दना, सारिका बोहती ने भी विचार व्यक्त किये। इस मौके पर डाॅ. संजय शाही, डाॅ. निखिल दास, डाॅ. मनन कौशल, डाॅ. मन मोहन, डाॅ. प्रदीप कुमार, डाॅ. रश्मि गुप्ता, चित्रा गोयल आदि सहित अनेक अध्यापक उपस्थित रहे।

शिष्यों की पाती गुरू के नाम’ का विमोचन
इस अवसर पर ‘शिष्यों की पाती गुरू के नाम’ का विमोचन भी किया गया, जो डाॅ. जैन को भेंट की गयी। कार्यक्रमोपरान्त शाॅल व प्रतीक चिन्ह भेंट कर डाॅ. जैन को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. संयुक्ता चैहान ने किया व अन्त में डाॅ. बीना रूस्तगी ने सभी का आभार जताया।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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