Thursday, March 28, 2024
Home > देश > शिक्षिका रूबी को मिला राजभाषा पुरस्कार

शिक्षिका रूबी को मिला राजभाषा पुरस्कार

डाॅ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। जनपद अमरोहा के विकास क्षेत्र धनौरा के गांव इंदरपुर के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका डॉ रूबी सिंह गुर्जर को आईआईटी रुड़की द्वारा 28 सितंबर को सर्वोत्तम हिंदी लेख के लिए प्रथम स्थान प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक व राजभाषा पुरस्कार से अलंकृत किया गया।

आईआईटी रुड़की के ऑडिटोरियम में समारोह
आईआईटी रुड़की की अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका मंथन में प्रकाशित शिक्षिका डॉ रूबी सिंह गुर्जर के लेख विश्व संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का बढ़ता वर्चस्व को प्रथम स्थान के लिए चुने जाने पर आईआईटी रुड़की के भौतिक विज्ञान जगदीश चंद्र बोस ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य एवं रंगारंग समारोह के अवसर पर स्वर्ण पदक व राजभाषा पुरस्कार प्रदान किया गया।

रूबी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण: सुधीर
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुधीर पचैरी पूर्व कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय एवं प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी निदेशक आईआईटी रुड़की के हाथों यह गौरवशाली सम्मान दिया गया । अपने संबोधन में प्रोफेसर सुधीश पचैरी ने कहा की एक प्राथमिक महिला शिक्षिका ने अपने दायित्वों के साथ साथ उत्कृष्ट लेखन कर सराहनीय प्रयास किया है तथा रूबी सिंह महिला सशक्तिकरण का एक श्रेष्ठ उदाहरण है ।

सम्मान यूपी के सभी शिक्षकों का: रूबी
शिक्षिका रूबी सिंह ने कहा कि आईआईटी ने उत्तर प्रदेश के एक सुदूर गांव की प्राथमिक शिक्षिका को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से अलंकृत किया है, यह सम्मान मेरा ही नहीं अपितु तो उत्तर प्रदेश के उन सभी बेसिक शिक्षकों का सम्मान है जो पूर्ण निष्ठा के साथ मातृभाषा हिंदी में उत्कृष्ट शिक्षण प्रदान कर रहे हैं ।

आईआईटी से पहली बार प्राइमरी शिक्षक का सम्मान
आईआईटी द्वारा पहली बार किसी प्राथमिक शिक्षक को यह गौरवशाली उत्कृष्ट लेखन राजभाषा पुरस्कार प्रदान किया गया है और वह भी प्रथम श्रेणी में, इसके लिए रुड़की महानगर के बेसिक शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता संजय वत्स एवं रूबी सिंह के पति शिक्षक व लेखक डॉ यतींद्र विद्यालंकार ने अपार हर्ष की अनुभूति करते हुए इसे शिक्षकों के लिए गौरवशाली क्षण बताया ।

रूबी ने प्रेरणा स्रोत पति को बताया
डॉ रूबी सिंह ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनके शिक्षकपति हिंदी सेवी , पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ यतींद्र कटारिया विद्यालंकर का योगदान है, शादी के समय उनकी शैक्षिक योग्यता महज हाई स्कूल थी। लेकिन मजबूत हौसलों के साथ उन्होंने इंटरमीडिएट, स्नातक तथा हिंदी, संस्कृत, योग विषय से एमए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। संस्कृत में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की एवं बीएड व विशिष्ट बीटीसी करके बेसिक शिक्षा का बनी, पति डॉ. यतींद्र विद्यालंकर ने हिंदी लेखन के लिए निरंतर उत्साह बढ़ाया और उसी का यह सुखद परिणाम है।

अंतरराष्ट्रीय हिंदी शोध पत्रिका मंथन में फिर छपा लेख
आईआईटी रुड़की की प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका के जिस नवीन अंक का विमोचन आज आयोजित हिंदी सम्मान समारोह के अवसर पर हुआ है , उसमें शिक्षक दंपत्ति डॉ रूबी सिंह व उनके पति डॉ यतींद्र विद्यालंकार का सारगर्भित लेख पुनः प्रकाशित किया गया हैै।

Print Friendly, PDF & Email
Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
https://www.sunshinenews.in
error: Content is protected !!