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अपराध, कानून, राजनीति और संरक्षण

डॉ.दीपक अग्रवाल/भोलानाथ मिश्र
देश में भयमुक्त वातावरण के लिए और अपराधियों पर नकेल के लिए कानून सक्षम है। परेशानी अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण के कारण होती है।
देश में राजनीति की आड़ में संगठित अपराधों एवं अपराधियों का बोलबाला है। अमूमन हर प्रदेश में संगठित अपराधियों का साम्राज्य है। संगठित अपराधों में साम्प्रदायिक हिंसा ठेकेदारी सामाजिक अपराध आदि सभी आते हैं। पिछले दो तीन दशकों से प्रदेश में संगठित संरक्षण प्राप्त अपराधियों का बोलबाला है और मौजूदा कानून चाहकर भी इनका बाँल तक बाँका नही कर पाता है।

महाराष्ट्र सरकार इन संगठित अपराधियों के नाक में नकेल डालने के लिए काफी पहले ही मकोका कानून बनाकर लागू कर चुकी है। 2007 के आसपास प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री बसपा प्रमुख इस तरह का कानून प्रदेश में बनाने का प्रस्ताव पास कर चुकी हैं किन्तु उस समय राजनैतिक परिस्थितियां उनके अनुकूल नहीं थी और यूपीए की सरकार केन्द्र में सत्तारूढ़ थी।
प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश को भयमुक्त और अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए मकोका की तर्ज़ पर यूपीकोका कानून बनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस कानून के तहत बाहुबल से विभिन्न कार्यों का ठेका हथियाने, अपहरण के बाद फिरौती मांगने, अवैध खनन करने या कराने, अवैध शराब बनाने, वन उपज का गैर कानूनी ढंग से दोहन करने, नकली दवाओं को बनाने, वनजीवों की तस्करी करने,सरकारी व गैर सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने, रंगदारी या गुंडा टैक्स आदि वसूलने वाले आते हैं।
इनके विरुद्ध इस प्रस्तावित यूपीकोका का इस्तेमाल किया जायेगा। इसके लिये अपराध नियंत्रण प्राधिकरण का गठन किया जायेगा तथा इसका इस्तेमाल कमिश्नर और डीआईजी की संस्तुति के बाद ही किया जायेगा।
कानून को दुरुपयोग होने से बचाने और मनमानी पर नियंत्रण के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में अपीलीय प्राधिकरण का गठन भी किया जायेगा।योगी सरकार का यह फैसला भयमुक्त समाज की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है क्योंकि इससे पहले दिल्ली व महाराष्ट्र में मकोका से आतंकवाद से निपटने में काफी सहायता मिल चुकी है।
आज संगठित अपराध समाज और देश की एकता अखंडता के लिये खतरा पैदा हो गया है। कुछ राज्य ऐसे हैं कि जहाँ पर संगठित संगठन खुलेआम साम्प्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं और सरकार मौन धारण किये हुए हैं। सभी संगठित अपराधियों से निपटने के लिये प्रत्येक राज्य में मकोका या यूपीकोका जैसे कानून की जरूरत है साथ ही इसे राजनीतिक दुरुपयोग से बचाना होगा।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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