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शिक्षिका डाॅ. रमा रस्तोगी के विचारः नारी सशक्तिकरण-एक पहल

डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
महिलाएं देश की आधी शक्ति और समाज का सशक्त स्तम्भ हैं। आज महिलाएं परिवार, समाज और देश के हर क्षेत्र में अपनी क्षमता और सफलता का परचम फहरा रही हैं अपने कौशल और आत्मविश्वास से चुनौतियों का सामना करते हुए सामाजिक परिवर्तन और विकास में अग्रदूत के रूप में पदासीन हो रही हैं।
भारतीय महिलाएं विश्व पटल पर
भारतीय महिलाओं ने अपने देश में ही नहीं विश्व पटल पर अपनी शक्ति और समाथ्र्य का परिचय दिया है। भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल, प्रथम मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन, प्रथम विश्व सुन्दरी रीता फारिया, प्रथम महिला पायलेट सुषमा, प्रथम अन्र्तराष्ट्रीय क्रिक्रेट में 100 विकेट लेने वाली डायना इदुल, प्रथम महिला आई. पी. एस., किरण वेदी, प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी, प्रथम महिला नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा, प्रथम हिमालयी पर्वतारोही ब्रछेन्दी पाल, प्रथम भारत रत्न इंदिरा गांधी, प्रथम महिला वासुसेना पायलेट हरिता कौर, प्रथम महिला ग्रैन्ड मास्टर भाग्य श्री थिप्से सशक्त नारियों का पर्याय हैं।
आज भारतीय महिलायें पुरूषों के कन्धे से कन्धा मिलाकर देश और समाज की प्रगति में अपना योगदान दे रही हैं। उनका कार्य क्षेत्र कार्पोेरेट सैक्टर हो या खेल जगत, फिल्म हो या राजनीति, साहित्य हो या पत्रिकारिता हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवा रही हंै।
खेल के क्षेत्र में –
लाॅनटेनिस में सानिया मिर्जा, बैडमिन्टन में साइना नेहवाल, भारतीय महिला पहलवान गीता फोगाट, अन्तर्राष्ट्रिय तीरंदाज दीपिका कुमारी, कर्णममल्लेष्वरी, पी. टी0 ऊषा, महिला मुक्केबाजी में मैरी काॅम के मुक्के का तो पूरी दूनिया लोहा मान चुकी है। बाक्सिंग में 5 बार विश्व विजेता का खिताब की अपने नाम करने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं।
भारत की ‘उड़नपरी’ स्टार फर्राटा धाविका हिमा दास ने अपनी मेहनत और लगन से इतिहास रच दिया। खेतों में टायर लेकर दौड़ने वाली आदिवासी लड़की आज असम में क्ैच् बन गयी है। जो अत्यन्त गरीब परिवार से थी।
गंुजन सक्सैना
जिन्हंे कारगिल गर्ल के नाम से जाना जाता है भारतीय वासुसेना की अधिकारी और पूर्व हैलीकाप्टर पायलेट हैं। कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाली प्रथम महिला अधिकारी हैं।
चंदा कोचर –
भारतीय उघोग जगत और बैंकिगं के क्षेत्र में अपनी मेहनत और लगन से पुरूष प्रधान बैंकिग क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाली सशक्त महिला है।
प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुनीता नारायण किसी परिचय की मोहताज नहीं हंै। समाज सेवा के क्षेत्र में डा. लक्ष्मी गौतम, मेधा पाटेकर का योगदान उल्लेखनीय है।
फिल्म और साहित्य के क्षेत्र में अरून्धतिराय, एकता कपूर, दीपा मेहता जिन्होंने अनेक विरोधों के बाबजूद अपनी लेखनी की गति को धीमा नहीं पड़ने दिया। हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अमृता प्रीतम, महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमार चैहान, महाश्वेता देवी, मृणाल पाण्डे, मन्नू भंडारी, शिवानी ने समाज की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत कर नये कीर्तिमान स्थापित किये।
जागरूक महिला
वर्तमान युग की जागरूक महिला केवल घर की चारदिवारी में सिमटकर नहीं रहना चाहती है। अब समय बदल गया है, नारी को केवल सम्मान ही नहीं, सुरक्षा स्वावलंबन और सशक्कता की भी आवश्यकता है जिससे वह आत्मनिर्भर बने और अपने निर्णय स्वयं ले सके। समाज में अपना समर्थन दे सके।
महिला को सशक्त बनाने के लिए स्वस्थ समाज का होना आवश्यक है जिससे महिलाओं के अधिकारांे व मूल्यांे का हनन न किया जाये । दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, अशिक्षा, यौन शोषण, घरेलू हिसा ये सब महिलाओं के अधिकारों का दमन करते है तथा सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक पतन की ओर धकेलते हैं।
महिलायें योग्यता में पुरूषोें से कम नहीं
पूरी दूनिया में महिलायें लगभग आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है जीवन के सभी क्षेत्रों में उनकी भागीदारी पुरूषांेे के समान होनी चाहिये। महिलायें योग्यता में पुरूषोें से कम नहीं है। धर्म के नाम पर, सामाजिक मान मर्यादा, रूढ़िवादिता के नाम पर उन्हें आगे बढ़ने से रोका नहीं जाए। लैंगिक समानता को स्थापित करने के लिए महिला सशक्तिकरण की आवशकता है। महिलाओं को भी सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय सुरक्षा, न्यायिक शक्ति के वो सभी अधिकार प्राप्त हों जो पुरूषों को प्राप्त हैं जिससे वे वैयक्तिक हितों के साथ-साथ समाज के विकास के लिए निर्णय लेने में सक्षम हांे।
किसी भी समाज का सर्वागीण विकास तभी हो सकता है जब वहां की महिलायें शिक्षित हो आज भी हमारे देश में 40 प्रतिशत महिलायें अशिक्षित हैं महिलाओं के उत्थान के लिए परिवार और समाज को शिक्षा की बेहतर शुरूआत बचपन से करनी होगी।
समाज के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने महिलाओं के विकास पर ध्यान दिया है। महिलाओं को सशक्त बनाने, अच्छा स्वास्थ्य, शिक्षा सुविधाओं के साथ-साथ दैनिक जीवन को सहज सुलभ बनाने के लिए अनेक योजनायें संचालित की हैं।
कन्या भूण हत्या और कन्याओं की शिक्षा के लिए ‘बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओं’ सुकन्या समृद्धियोजना, गरीब महिलाओं को लकड़ी के खतरनाक धुएं से मुक्त करने के लिए उज्जवला योजना की शुरूआत की।
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने हेतु मुद्रा योजना, कौशल विकास योजना, नई रौशनी, महिला ई हाट जैसे कायक्रम चलाये जा रहे हैं।
नारी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला हैल्प लाइन एवं महिला आरक्षण का प्रावधान किया है।
इन योजनाआंे के अलावा अनेक अधिनियम भी बनाये गये हैं – न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, हिन्दू विवाह अधिनियम, मातृत्व लाभ अधिनियम, बाल विवाह एंव दहेज निषेध अधिनियम, राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम।
महिलाओं को सुरक्षा और मनचलों पर शिकन्जा कसने के लिए उ0 प्र0 के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मिशन शक्ति’ का आरम्भ किया।
20 अक्टूवर से अप्रैल तक चलने वाला ये कार्यक्रम 180 दिन तक तीन चरणों में चलेगा। हर महीने एक सप्ताह तक अलग-अलग थीम के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
समाज और राष्ट्र के सर्वागीण विकास के लिए महिलाओं को शारीरिक, सामाजिक, शैक्षिक और भावात्मक रूप से सशक्त बनाना अति आवश्यक है।
महिलायें सशक्त होकर ही परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकती हैं रूढ़िवादी सोच से ऊपर उठकर सामाजिक विघटन के चक्रव्यूह से बाहर निकलकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगी।
डाॅ. रमा रस्तोगी स.अ.
अमरोहा।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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