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कोरोना जागरूकताः श्वेता/प्रीति/श्योनाथ/मनोनीत/अरविंद की रचना

डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सनशाइन न्यूज)
कोरोना वायरस आज वैश्विक महामारी बन गया है। तमाम वैज्ञानिक और चिकित्सक इसके खात्मे के प्रयास मंे जुटे हैं। विभिन्न देशों की सरकारें अपने अपने नागरिकांे को संरक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। भारत सरकार भी पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आमजन की हिफाजत के लिए कार्य कर रही हैं। सन शाइन न्यूज ने टीचरों व अन्य की रचनाओं के माध्यम से आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया है। बड़ी संख्या में रचनाएं प्राप्त हुई प्रस्तुत हैं चयनित रचनाएंः

श्वेता सक्सेना,
शिक्षिका, पूर्व मावि तिगरिया खादर,
गजरौला ।

आओ बच्चों तुम्हें बताएं
मिलकर लॉक डाउन का लाभ उठाएं
समय का सदुपयोग कराएं
क्यों ना स्मार्टफोन का लाभ उठाएं
जो व्हाट्सएप ग्रुप है बनाएं
उसमें समय सारणी का पालन कराएं
दीक्षा एप व मिशन ई पाठशाला दिखाएं
पठन-पाठन रोचक बनाएं
बच्चों मन लगाकर दोहराएं
अपने गुरुजनों का मान बढ़ाएं
माता-पिता का अभिमान बनाएं
पढ़ लिख कर भारत की ताकत बढ़ाए
तो क्यों ना आज यह शपथ दिलाये
घर पर रहें सुरक्षित रहें
पढते- पढ़ाते रहें ।

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प्रीति चैधरी (शिक्षिका)
राजकीय बालिका इण्टर कालेज
हसनपुर, जनपद-अमरोहा।

करते रहो कर्म ही
फल की तुम इच्छा न करना
दूरदर्शन पर प्रसारित
सीरियल महाभारत ने
बच्चों का मन खूब लुभाया
लाॅकडाउन के समय में
संस्कृति से अपनी
परिचय उनका कराया
सुन उपदेश गीता के
बच्चों के मन में
प्रश्न एक आया
बिन कर्म फल कैसे सम्भव
ऐ माँ ये समझ न आया
माँ ने सुनकर प्रश्न बच्चों का
उनको अपने पास बैठाया
अपने ज्ञान सागर से फिर
उनकी शंका को यूँ मिटाया
फल की चिंता अगर करोगे
तो कर्म प्रभावित हो जाएगा
तुम्हारा मस्तिष्क फिर कही
एक सीमा तय कर आएगा
जिसको पाना ही मात्र
उद्देश्य तुम्हारा रह जायगा
कहती गीता अगर बाँधोगे
खुद को किसी सीमा से
फिर शक्ति जो अंदर बसी
उसे कैसे तूँ पहचान पायगा
जब कर्म करोगे चिंतामुक्त
फिर राह हर खुल जायगी
जिस पथ पर तुम पग रखोगे
वो यश की तुम्हें सैर करायगी
बच्चों क्षमता को अपनी
तुम किसी फल में
कैद कभी मत करना
कहती गीता इसलिए तुमसे
करते रहना कर्म ही सदा
फल की तुम इच्छा न करना
फल की तुम इच्छा न करना।

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श्योनाथ सिंह शिव

सन्नाटा गजब का सन्नाटा।
बन्द हुए बाजार रहा नहीं घर आटा।।
जिसने सुना सन्न रहा, घर भी नहीं अन्न रहा।
कोरोना महामारी का नाम चीन ने बांटा।। सन्नाटा – – – –

चुपचाप फैलाया था, पहले नहीं बताया था।
पहले कुछ बतलाता तो जग कुछ दुःख घट जाता।। सन्नाटा – –
फिर सब ने ऐलान किया, तालाबन्दी नाम दिया।
खतरनाक समय से बचें सब, जनहित मन बांटा।। सन्नाटा – – –
परिवार घर में रहें सुरक्षित जीवन इसमें है।
मात्र बचाव ईलाज की खातिर, घर रहना ही भाता।। सन्नाटा –
लाला जी दुकान छोड़ दें, पंडित जी व्यवसाय छोड़ दें।
दानीजन इक लाईन से घर-घर भेजें आटा।। सन्नाटा – – – –
छुओ नहीं मत छूने दो, घर में अपने जीने दो।
राह पङे हैं सूने-सूने, कोविड चीन ने बांटा।। सन्नाटा – सन्नाटा – सन्नाटा।।

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मनोनीत कुमार सैनी
ब्रांच मैनेजर
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक।
महामारी जब फैली जग में सम्पूर्ण विश्व जब मुरझाया
जब मानव से ही मानव जाति पर मिटने का संकट गहराया
तब भारत ने स्वयं हो कैद घरों में की सारे जग से विरक्ति है
यही भारत की शक्ति है यही भारत की भक्ति है …..
जब अन्य देशों ने छोड़ दिये स्वजन परदेश में मर जाने को
तब भारत ने भेजे विमान अपने लोगों के प्राण बचाने को
निज स्वार्थ से ऊपर उठ भारत में महत्वपूर्ण हर एक व्यक्ति है
यही भारत की शक्ति है यही भारत की भक्ति है…..
मानव मूल्यों को तिरस्कृत कर जब विश्व ने अर्थ मूल्यों को अपनाया
भारत ने क्षति सहकर भी विश्व को मानव सर्वप्रथम बतलाया
मानव जाति संजीवनी हेतु दुनिया भारत को तकती है
यही भारत की शक्ति है यही भारत की भक्ति है…..
श्रम, व्यापार , परिवहन ठप है भारत खड़ा है मुश्किल में
जीतेगे हम सब इस जंग में है हर मजहब और जनता के दिल में
निश्चय कर विजयी हो इस पर कठिन घड़ी ये लगती है
यही भारत की शक्ति है यही भारत की भक्ति है…..
जन मानस,हर धर्म स्व शासित हो सरकार पुलिस के साथ खड़ा
जन जनार्दन की सेवा में बैंक भी आम आदमी के साथ जुड़ा
कठिन दृढ़व्रत, निर्देशन, संकल्प से ये आफत टल सकती है
यही भारत की शक्ति है यही भारत की भक्ति है…..
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अरविंद गिरि (शिक्षक )
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कपसुआ
धनौरा, जिला-अमरोहा।
बिल्कुल ना घबराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
उनकी सोचो जो देश की खातिर, सीमा पर हैं खड़े हुए
डाक्टर, नर्स, पुलिस वाले भी, कोरोना से हैं भिडे हुए
वादे 7 जो किये हैं मोदी से, उनको ना बिसराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
संयम और धैर्य से रहकर, नयी मिशाल पेश कर देंगे
बच न पाये इस बार कोरोना, मिलकर सबने हराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
अभी यूं ही रहेगी सख्ती तो, वो भी हमें स्वीकार है
समाज, देश हित कड़े फैसले, दिल से अंगीकार हैं
जनता दिल से साथ प्रधान के, ये एहसास कराना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .
इस बार गड़ा देंगे हम घरों में, अंगद जैसा पैर
राक्षस कोरोना पांव हिला न सकेगा, अब होगी ना इसकी खैर
हनुमान बनकर हम सबको, कोरोना की लंका जलाना है
पूर्व की भांति रहना घरों में, हरगिज बाहर ना जाना है. . .

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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