शलभ गुप्ता की कविताः जीवन यात्रा
डॉ. दीपक अग्रवाल अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज) जीवन यात्रा .................................... यात्रा अनवरत चल रही, जीवन वृतान्त कह रही। संकरा हुआ रास्ता हर मोड़ पर, कदमों की गति निरंतर, मंजिल की ओर बढ़ रही। जीवन की मेरी गलतियाँ, मेरे लिए प्रकाश पुंज बन रहीं। मेरे पैरों के छालों को, अब धरती भी अनुभव कर रही। रास्ते की हर ठोकर शलभ को, अब और भी निखार
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